tag:blogger.com,1999:blog-4640206663402759546.post453996556644359742..comments2023-08-29T16:21:17.291+05:30Comments on अग्रदूत: पाकिस्तान से किसी भी तरह की चर्चा का कोई औचित्य तो दिखायी नहीं देताडॉ महेश सिन्हाhttp://www.blogger.com/profile/18264755463280608959noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-4640206663402759546.post-25659168744606556752010-07-18T19:52:13.332+05:302010-07-18T19:52:13.332+05:30बात चीत रहेगी जारी , बात चीत रहेगी जारी
चाहे हम ...बात चीत रहेगी जारी , बात चीत रहेगी जारी <br /><br />चाहे हम हों कितने तगड़े , मुंह वो हमारा धूल में रगड़े,<br />पटक पटक के हमको मारे , फाड़ दिए हैं कपड़े सारे ,<br />माना की वो नीच बहुत है , माना वो है अत्याचारी ,<br />लेकिन - बात चीत रहेगी जारी , बात चीत रहेगी जारी .<br /><br />जब भी उसके मन में आये , जबरन वो घर में घुस जाए ,<br />बहू बेटियों की इज्ज़त लूटे, बच्चों को भी मार के जाए ,<br />कोई न मौका उसने छोड़ा , चांस मिला तब लाज उतारी ,<br />लेकिन - बात चीत रहेगी जारी , बात चीत रहेगी जारी .<br /><br />हम में से ही हैं कुछ पापी , जिनका लगता है वो बाप ,<br />आग लगाते हुए वे जल मरें , तो भी उसपर हमें ही पश्चाताप ?<br />दुश्मन का बुरा सोचा कैसे ??? हिम्मत कैसे हुई तुम्हारी ???<br />अब तो - बात चीत रहेगी जारी , बात चीत रहेगी जारी .<br /><br />बम यहाँ पे फोड़ा , वहां पे फोड़ा , किसी जगह को नहीं है छोड़ा ,<br />मरे हजारों, अनाथ लाखों में , लेकिन गौरमेंट को लगता थोडा ,<br />मर मरा गए तो फर्क पड़ा क्या ? आखिर है ही क्या औकात तुम्हारी ???<br />इसलिए - बात चीत रहेगी जारी , बात चीत रहेगी जारी . <br /><br />लानत है ऐसे सालों पर , जूते खाते रहते हैं दोनों गालों पर ,<br />कुछ देर बाद , कुछ देर बाद , रहे टालते बासठ सालों भर ,<br />गौरमेंट करती रहती है नाटक , जग में कोई नहीं हिमायत ,<br />पर कौन सुने ऐसे हाथी की , जो कोकरोच की करे शिकायत ???<br />इलाज पता बच्चे बच्चे को , पर बहुत बड़ी मजबूरी है सरकारी ,<br />इसीलिये - बात चीत रहेगी जारी , बात चीत रहेगी जारी . <br /><br />वैसे हैं बहुत होशियार हम , कर भी रक्खी सेना तैयार है ,<br />सेना गयी मोर्चे पर तो - इन भ्रष्ट नेताओं का कौन चौकीदार है ???<br />बंदूकों की बना के सब्जी , बमों का डालना अचार है ,<br />मातम तो पब्लिक के घर है , पर गौरमेंट का डेली त्योंहार है <br />ऐसे में वो युद्ध छेड़ कर , क्यों उजाड़े खुद की दुकानदारी ???<br />इसीलिये - बात चीत रहेगी जारी , बात चीत रहेगी जारी . <br /><br />सपूत हिंद के बहुत जियाले , जो घूरे उसकी आँख निकालें ,<br />राम कृष्ण के हम वंशज हैं , जिससे चाहें पानी भरवालें ,<br />जब तक धर्म के साथ रहे हम , राज किया विश्व पर हमने ,<br />कुछ पापी की बातों में आ कर , भूले स्वधर्म तो सब से हारे ,<br />जाग गए अब, हुए सावधान हम , ना चलने देंगे इनकी मक्कारी ,<br />पर तब तक - बात चीत रहेगी जारी , बात चीत रहेगी जारी . <br /><br />रचयिता : धर्मेश शर्मा <br />मुंबई / दिनांक २०.०९.२००९ <br />संशोधन, संपादन : आनंद जी. शर्माAnand G.Sharma आनंद जी.शर्माhttps://www.blogger.com/profile/02151778912507666869noreply@blogger.com