हालांकि सानिया ने कहा है कि वे विवाह के बाद भी भारत के लिए खेलेंगी और शोएब मलिक पाकिस्तान की तरफ से क्रिकेट खेलते रहेंगे लेकिन पाकिस्तान टेनिस के आला अधिकारी का यह कहना कि विवाह के बाद सानिया पाकिस्तान की तरफ से खेलें, लोगों को पसंद नहीं आ रहा है। वैसे भी विवाह के बाद सानिया क्या करेंगी, यह बात अभी वे जो भी कहें लेकिन पाकिस्तान ऐसा मुल्क है कि सानिया का भारत के लिए खेलना पाकिस्तान में विवाद का विषय हो सकता है। सानिया की ससुराल पर पाकिस्तान का दबाव हो सकता है कि वे सानिया को पाकिस्तान के लिए खेलने के लिए बाध्य करे। इसका भी तोड़ सानिया और शोएब ने निकाला है कि विवाह के बाद पाकिस्तान में नहीं रहेंगे बल्कि दुबई में रहेंगे। विवाह के पहले की सारी बातों का औचित्य विवाह के बाद भी रहे, यह जरुरी तो नहीं। क्योंकि विवाह के बाद बहुत कुछ बदल जाता है।
सानिया के स्कर्ट पहन कर खेलने पर भी विवाद उठाने की कोशिश तो भारत में कई कट्टïरपंथियों ने की थी लेकिन भारत का कानून और खुली उदार व्यवस्था के सामने विवाद ठंडा हो गया। अब पूछा जा रहा है कि क्या सानिया सलवार कमीज पहन कर टेनिस खेलेंगी, विवाह के बाद? क्योंकि पाकिस्तानी कट्टरवादी तरह-तरह के प्रश्र से सानिया के भावी पति शोएब मलिक और उनके परिवार को परेशान तो करेंगे। सानिया या तो तब समझौते करने के लिए बाध्य होंगी और टेनिस को ही उन्हें अलविदा कहना पड़ेगा या व्यवस्था से विद्रोह करना पड़ेगा। तब विवाह चूंकि दो पक्षीय है, इसलिए विद्रोह की स्थिति में उनके पति और ससुराल वाले सानिया के साथ खड़े होंगे या वे भी विरोध में खड़े हो जाएंगे। तब विवाह का क्या हश्र होगा?
अभी ही शोएब मलिक पर आरोप लग रहा है कि उनकी शादी हैदराबाद की ही एक लड़की आयशा सिद्दीकी से हो चुकी है। उसके लिए तरह-तरह के प्रमाण भी प्रचारित किए जा रहे है। आयशा के पिता ने तो शोएब को नोटिस भी भेजा है। पुरानी वीडियो क्लीपिंग भी दिखायी जा रही है जब शोएब ने कहा था कि हैदराबाद उसकी पत्नी का घर है। आयशा के घर पर पाकिस्तानी क्रिकेटरों को लेकर भी शोएब आ चुके हैं। यदि यह सब सच है तो इसका मतलब यही होता है कि सानिया शोएब की दूसरी पत्नी बनने जा रही हैं। जहां तक सानिया का प्रश्र है तो सानिया का कहना है कि उन्हें सच का पता है। सब कुछ जानते हुए सानिया यदि शोएब से शादी कर रही हैं तो सानिया को ऐसा करने का पूरा अधिकार है। क्योंकि मुस्लिम कानून के तहत दूसरी शादी अवैध नहीं है। सानिया भारतीय कानून की भी दृष्टि से बालिग हैं और उन्हें अपना पति चुनने का अधिकार है, भारतीय कानून भी देता है. तब उनकी शादी का विरोध करने का हक कानूनी रुप से आयशा को भले ही हो लेकिन अन्य किसी को तो नहीं है।
शोएब मलिक के लिए सानिया ने अपने बचपन के मित्र के साथ हुई सगाई तोड़ी। यदि सानिया शोएब की मुहब्बत की गिरफ्त में नहीं होती तो अपनी सगाई ही क्यों तोड़ती? ये इश्क का मामला जो न गुल खुलाए, कम है। इश्क में तो लोग मां बाप को छोड़कर प्रेमी के साथ भाग जाते हैं। कहते है कि इश्क में आदमी अंधा हो जाता है। उसे अच्छे बुरे की तमीज नहीं रह जाती। नहीं तो कौन है जो एक शादी शुदा मर्द से विवाह करना चाहेगा? फिर भी कुछ मिल ही जाते हैं। कुछ विरले हैं, जो इन बातों की परवाह नहीं करते। भारत में ही फिल्म अभिनेत्री हेमामालिनी का उदाहरण है। उन्होंने शादी शुदा धर्मेन्द से जिसके बाल बच्चे भी थे, विवाह किया। दो दो लड़कियों को जन्म दिया। जबकि हिन्दू विवाह कानून दूसरी पत्नी का अधिकार नहीं देता लेकिन इसके लिए विरोध करने का अधिकार सिर्फ पहली पत्नी को है। सानिया के मामले में तो पहली पत्नी विरोध कर रही है। वह तलाक मांग रही है। आयशा के पिता कह रहे है कि शोएब तलाक दे दे तो उनकी पुत्री स्वतंत्र हो जाएगी लेकिन शोएब ऐसा नहीं कर रहे हैं।
सानिया से जब पूछा गया कि भारत पाकिस्तान के बीच जब क्रिकेट मैच होगा तब वे किसका साथ देंगी तब उनका जवाब था कि सचिन खेलेंगे तो भारत का, शोएब खेलेंगे तो उनका। भारत की स्वतंत्र फिजां में जन्मी और पली बढ़ी सानिया को विवाह के बाद कई धर्म संकटों का सामना करना पड़ेगा। सानिया को ही नहीं उनके माता पिता को भी। क्योंकि जो भी चर्चाएं होंगी, उन सबको उन्हें भी तो झेलना पड़ेगा। आज भले ही सानिया दुबई में रहने की बात करें लेकिन वे पाकिस्तान अपनी ससुराल जाएंगी ही नहीं, ऐसा तो नहीं हो सकता। विवाह के बाद उनके टेनिस कैरियर पर भी असर पड़ सकता है। हो सकता है वे शीघ्र मां बन जाएं तब बात बदलेगी। शोएब टेनिस स्टार सानिया मिर्जा से विवाह कर रहे हैं या सानिया मिर्जा से। यदि वे सिर्र्फ सानिया मिर्जा से विवाह कर रहे हैं और एक आम बहू की तरह सानिया अपना जीवन गुजारना चाहती है तो कोई भी अड़चन नहीं आना चाहिए लेकिन शोएब सानिया मिर्जा टेनिस स्टार से विवाह कर रहे हैं तो जब सानिया टेनिस स्टार नहीं रह जाएंगी तब मुहब्बत कमजोर न पड़ जाए। फिर स्वप्नों को तिरोहित होने में वक्त नहीं लगेगा।
भविष्य के गर्भ में क्या छिपा हुआ है, यह तो किसी को पता नहीं लेकिन यदि सानिया के कारण पाकिस्तानी अवाम में भी भारत के लिए अच्छी भावनाएं जन्म लें तो भारत विरोध की राजनीति को कमजोर किया जा सकता है। इतिहास में प्रेम और विवाह दुश्मनी को खत्म करने का कारण भी बनते रहे हैं। यह आसान तो नहीं है लेकिन क्या कहा जा सकता है? वक्त किस मोड़ पर क्या खेल दिखाता है? शुभचिंतक तो यही कामना कर सकते हैं कि सब कुछ शुभ हो।
- विष्णु सिन्हा
दिनांक 04.04.2010
बहुत अच्छी प्रस्तुति। सादर अभिवादन।
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